डिप्रेशन की समस्या से उबरने के लिए आप अपने करीबी लोगो या दोस्तो से नियमित रूप से बात करे उन्हे अपनी समस्या खुलकर बताए और मदद मांगने में या बात शेयर करने में कोई शर्म न करे, इससे आपको मदद मिलेगी।
विज्ञानिको के शोधों से जानकारी मिली है की डिप्रेशन के समय व्यायाम करने से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसके साथ ही संतुलित खानपान से मन और सेहत दोनो ही खुश रहते है इसलिए डिप्रेशन से बचने के लिए सेहतमंद खानपान और रोजाना व्यायाम अवश्य करे।
डिप्रेशन के समय यदि आप अपने मन के भाव दूसरो से व्यक्त नही कर सकते तो आप उन्हें पान और पेपर लेकर लिख डाले इससे आप आत्मनिरीक्षण कर सकते है और उनमें सुधार भी कर सकते है और ये भी डिप्रेशन से बचने का चमत्कारी उपायो में से एक है।
डिप्रेशन के समय एक अच्छे दोस्त अथवा साथी की आवश्यकता होती है जिनसे बात कर के आपको अच्छा लगता हो ऐसे अच्छे दोस्तो से आपको आवश्यक सहानुभूति मिलती है साथ ही वे आपकी बातो को ध्यान से सुनते है और अच्छा महसूस भी करवाते है इसके अलावा ऐसे लोग जो आपके मनोबल को गिराते है नकारात्मक लोगो से दूर रहे।
अगर आप अपनी नौकरी से खुश नहीं है और अपने कार्यस्थल पर चिंतित महसूस करते है तो आपको अपनी नोकरी की समीक्षा करनी चाहिए और उसी जगह कही और काम करे नही तो आप डिप्रेशन में जा सकते है।
रिसर्च कहती है की जो लोग नियमित रूप से छुट्टी लेकर कही बाहर घूमने जाते है बजाय एक ही स्थान पर लंबे से रहने या काम में लगे के मुकाबले वो लोग बहुत कम अवसाद ग्रस्त होते है इसके साथ ही कई बार एक ही स्थान ऑफिस घर या माहोल में रहने से नकारत्मक ऊर्जा का विकास तेजी से होता है।
अध्ययन से पता चला है की रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेने वाले लोगो में बहुत कम डिप्रेशन के लक्षण देखे गए है एक अच्छी और पूरी रात की नींद आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है इसलिए आप अपनी नींद के साथ समझोता न करे।
अगर आप डिप्रेशन के शिकार है तो आपको अपना मनपसंद गाना सुनना चाहिए क्योंकि संगीत में एक ऐसी ताकत है जो आपके मूड को बदल सकती है और इस तथ्य को कई वैज्ञानिक शोधों द्वारा प्रमाणित किया जा चुका है।
पुरानी गलतियों और भूलो को याद करके सोचने से बचे क्योंकि जो अतीत में घट चुका है आप उसे बदल नही सकते है और लगातार अपनी भूलो, गलतियों या अतीत को सोचते रहने से आपके दिमाग और सेहत पर बुरा असर पड़ेगा और आपको डिप्रेशन से निकलने नही देगा।
अक्सर देखा गया है की डिप्रेशन के दौरान लोग खुद को दूसरों से अलग कर लेते है उन्हे लगता है की यदि वे लोगो से दूर रहेंगे तो खुश रहेंगे और कोई भी उनकी परेशानी का समाधान नही निकाल सकता है या उन्हें समझ नही सकता है परंतु ऐसे समय में आप और भी ज्यादा डिप्रेशन में जा सकते है इसलिए आप लोगो से मिलिए उनसे बात करे और नए दोस्त बनाए।